Omsanatan
Wednesday, September 25, 2019
कबीर दास जी के दोहे
तरवर तास बि
लम्बिए, बारह मांस फलंत ।
सीतल छाया गहर फल, पंछी केलि करंत ॥
अर्थ:
कबीर कहते हैं कि ऐसे वृक्ष के नीचे विश्राम करो, जो बारहों महीने फल देता हो .जिसकी छाया शीतल हो , फल सघन हों और जहां पक्षी क्रीडा करते हों !
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