Saturday, April 13, 2019

कन्या पूजन का महत्व और विधि

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है. इस दिन नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों के नवरात्रि व्रत पूरे माने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन कन्या पूजन के दौरान अपने सामर्थ्य के अनुसार माता रानी और कन्याओं को भोग लगाकर दक्षिणा देने से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं.

कन्या पूजन की विधि
- कन्‍या भोज और पूजन के लिए कन्‍याओं को एक दिन पहले ही आमंत्रित कर दिया जाता है.
- मुख्य कन्या पूजन के दिन इधर-उधर से कन्याओं को पकड़ के लाना सही नहीं होता है.
- गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं.
- अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना चाहिए.
- उसके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए.
- फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं.
- भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पुनः पैर छूकर आशीष लें.

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