देवों के देव महादेव के बर्फानी अवतार के दर्शन के लिए पूरी दुनिया भर से श्रद्धालु हर साल अमरनाथ य़ात्रा के लिए भारत आते हैं…वर्ष 2019 में अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से शुरु होकर 15 अगस्त तक चलेगी…ऐसे में हम आपको बाबा बर्फानी की पूरी कहानी बताने जा रहें है कि कैसे मिला बाबा का गुफा, कब से शुरु हुई यात्रा, क्या मुस्लिम व्यक्ति ने की थी गुफा की खोज, क्या है धार्मिक मान्यता…धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती को इसे गुफा में बैठकर अमर होनें की कथा सुनाई थी…जिस नाम पर इस गुफा का नाम अमरनाथ रखा गया…
कहा जाता है कि सबसे पहले 16वीं शताब्दी में एक मुस्लिम चरवाहे ने बाबा बर्फानी के इस पवित्र गुफा को देखा था…जिसके बाद उसने ही सभी को इस पवित्र गुफा के बारे में बताया…जिसके बाद हिंदू समाज के लोगों ने इसे महादेव का प्रतीक मानकर इसकी यात्रा शुरु की थी…
इतना ही नहीं अमरनाथ गुफा की खोज की कहानी तो ओर भी दिलचस्प है…
कहा जाता है कि मुस्लिम चरवाहे को भेड़ चराते हुए एक साधू मिला…साधू ने उस चरवाहे को कोयलों से भरी एक बोरी दी… जब चरवाहे ने घर पहुंच कर बोरी खोली तो वह देख कर हैरान रह गया की वह बोरी सिर्फ सोने चांदी से भरी हुई थी…चरवाहे ने साधु को ढूंढने की कोशिश की पर वह कहीं नहीं मिला…
इसी दौरान साधु को ढूंढते हुए वह पवित्र गुफा के पास जा पहुंचा जहां उसने बर्फ से बने शिवलिंग को देखा…उसने इसकी सूचना लोगों को दी तब से लोग दूर-दराज से शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आने लगे…
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