Omsanatan
Tuesday, June 11, 2019
अति का भला न बोलना
,
अति की भली न चूप
,
अति का भला न बरसना
,
अति की भली न धूप।
अर्थ: न तो अधिक बोलना अच्छा है
,
न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है। जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है
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