Omsanatan
Wednesday, June 26, 2019
कबीर लहरि समंद की, मोती बिखरे आई।
बगुला भेद
न जानई, हंसा चु
नी-
चुनी खाई
।
अर्थ:
कबीर कहते हैं कि समुद्र की लहर में मोती आकर बिखर गए। बगुला उनका भेद नहीं जानता, परन्तु हंस उन्हें चुन-चुन कर खा रहा है। इसका अर्थ यह है कि किसी भी वस्तु का महत्व जानकार ही जानता है।
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