Omsanatan
Wednesday, June 19, 2019
जब
गुण
को
गाहक
मिले
,
तब
गुण
लाख
बिकाई।
जब
गुण
को
गाहक
नहीं
,
तब
कौड़ी
बदले
जाई।
अर्थ
:
कबीर
कहते
हैं
कि
जब
गुण
को
परखने
वाला
गाहक
मिल
जाता
है
तो
गुण
की
कीमत
होती
है।
पर
जब
ऐसा
गाहक
नहीं
मिलता
,
तब
गुण
कौड़ी
के
भाव
चला
जाता
है।
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