Omsanatan
Monday, June 17, 2019
कबीर
लहरि
समंद
की
,
मोती
बिखरे
आई।
बगुला
भेद
न
जानई
,
हंसा
चुनी
-
चुनी
खाई।
कबीर
कहते
हैं
कि
समुद्र
की
लहर
में
मोती
आकर
बिखर
गए।
बगुला
उनका
भेद
नहीं
जा
नता
,
परन्तु
हंस
उन्हें
चुन
-
चुन
कर
खा
रहा
है।
इसका
अर्थ
यह
है
कि
किसी
भी
वस्तु
का
महत्व
जा
नकार
ही
जानता
है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment