Omsanatan
Thursday, June 13, 2019
कबीर दास जी के दोहे
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर,
ना काहू से दोस्ती
,न काहू से बैर।
अर्थ:
इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती नहीं तो दुश्मनी
भी न हो !
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