Omsanatan
Friday, May 10, 2019
बहु
बिधि
खल
सीतहि
समुझावा।
साम
दान
भय
भेद
देखावा॥
कह
रावनु
सुनु
सुमु
खि
सयानी।
मंदोदरी
आदि
सब
रानी॥
भावार्थ
:-
उस
दुष्ट
ने
सीताजी
को
बहुत
प्रकार
से
समझाया।
साम
,
दान
,
भय
और
भेद
दिखलाया।
रावण
ने
कहा
-
हे
सुमुखि
!
हे
सयानी
!
सुनो
!
मंदोदरी
आदि
सब
रानियों
को
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