ॐ
त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीयमामृतात् !!
हे तीन आँखो वाले
महादेव, हमारे पालनहार, पालनकर्ता कृपा कर हमें इस दुनिया के मोह एवम माया के बंधनों एवम जन्म
मरण के चक्र से मुक्ति दीजिए जिस प्रकार पका हुआ खरबूजा बिना किसी यत्न के डाल से
अलग हो जाता है |
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