सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी ना किसी विशिष्ट देवी-देवता की पूजा होती है, ऐसे ही शुक्रवार का दिन भी विशेष देवी को समर्पित है। शुक्रवार के दिन संतोषी माता को पूजा जाता है। यह व्रत हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध और लोकप्रिय व्रतों में से एक है जिसे अधिकतर महिलाएं रखती है। शुक्रवार के व्रत का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन देवी की पूजा की जाती है। मां वैभव लक्ष्मी जहां व्यक्ति का घर धन धान्य से पूर्ण रखती हैं तो वहीं मां संतोषी अपने भक्तों के दुखों को हर लेती हैं। देवी संतोषी का व्रत रखने से महिलाओं व पुरुषों दोनों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
जो व्रती पूरे विधि-विधान और श्रद्धा के साथ व्रत का पालन करता है उसे सुख-सौभाग्य, वैभव, घर की शांति, व्यापार में वृद्धि, धन की वृद्धि, परीक्षा में सफलता, आदालत में जीत, लाभ और पारिवारिक ख़ुशी की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से अविवाहित कन्यायों को अच्छे वर की प्राप्ति भी होती है। जो भी इस दिन व्रत का पालन करता है उसे कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। व्रती को किसी भी खट्ट खाद्य पदार्थ को खाना या छूना नहीं चाहिए। भोजन में किसी भी तरह की खट्टी चीज जैसे खट्टे फल, अचार या खट्टी सब्जी नहीं खानी चाहिए। साथ ही व्रत रखने वाले व्यक्ति के परिवारजनों को भी इस दिन खट्टे से परहेज रखना चाहिए। प्रसाद के रूप में केवल गुड़ और चने का ही सेवन करना चाहिए।
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