Tuesday, March 12, 2019

जानिए हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के परम भक्त पवन पुत्र हनुमान के नाम लेने से ही सारी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। जो भी महाबली हनुमान की पूजा-अर्चना करता है, उनका ध्यान करता है उसके सारे कष्ट कट जाते हैं। देवताओं में हनुमानजी बल, बुद्धि, विद्या और पराक्रम के देवता हैं। पूजा-अर्चना में हर देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए फल-फूल, प्रसाद आदि चढ़ाया जाता है, परन्तु हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। हर भक्त अपनी मन्नत पूरी होने के बाद हनुमान जी को चोला और सिंदूर चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को सिंदर? महाबली को सिंदूर चढ़ाने के पीछे क्या कारण या कथा है? अगर नहीं है पता तो हम आपको बताते हैं। 



एक बार जगजननी माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थी। उसी समय हनुमान जी वहां पहुंच गए। उन्होंने माता सीता का सिंदूर लगाते देखा तो आश्चर्यपूर्वक पूछा-माता! आप यह लाल द्रव्य अपने मस्तक पर क्यों लगाया है? सीता जी ने ब्रह्मचारी हनुमान की इस सीधी-सादी बात पर प्रसन्न होकर कहा, पुत्र! इस सिंदूर को लगाने से मेरे स्वामी की दीर्घायु होती है और वह मुझसे अत्यधिक प्रसन्न भी रहते हैं। श्री हनुमान ने यह सुना तो बहुत प्रसन्न हुए और विचार किया कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से आयुष्य वृद्धि होती है तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे लगाकर अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं। 

हनुमान जी ने वैसा ही किया, उन्होंने अपने सार शरीर पर सिंदूर लगा लिया और सभा में श्री राम के पास हनुमान जी को इस तरह सिंदूर में डूबा हुआ देखकर श्री राम जी हंसने लगे और हंसते हुए उन्होंने हनुमान जी से पूछा तुमने यह क्या कर दिया? तो हनुमान जी ने उन्हें सारा किस्सा बताया। यह सब जानकार प्रभु श्री राम अत्यंत ही प्रसन्न हुए। उन्होंने हनुमान से कहां मैं तुम्हारी भक्ति से अत्यंत ही प्रसन्न हुआ हूं। तुम मेरे सच्चे भक्त हो और उन्होंने हनुमान जी को अमर होने का वरदान दे दिया। यह पौराणिक कथा की वजह से ही हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है।

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