मंत्र जाप के नियम
– मंत्र जाप का सबसे पहला नियम है मंत्र का सही उच्चारण करना।
– जिस मंत्र का जाप करना है उसका अर्घ्य पहले से लें।
– मंत्र सिद्धि को गुप्त रखना चाहिए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है।
– कम से कम 108 मनकों का जाप अवश्य करना चाहिए।
ये है मंत्र जाप के नियम – किसी विशिष्ट सिद्धि के लिए सूर्य अथवा चंद्रग्रहण के समय किसी भी नदी में खड़े होकर जाप करना चाहिए। इस तरह किया गय जाप अतिशीघ्र फल देता है। जाप का दक्षांश हवन करना चाहिए और ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराना चाहिए।
– मंत्र जाप का सबसे पहला नियम है मंत्र का सही उच्चारण करना।
– जिस मंत्र का जाप करना है उसका अर्घ्य पहले से लें।
– मंत्र सिद्धि को गुप्त रखना चाहिए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है।
– कम से कम 108 मनकों का जाप अवश्य करना चाहिए।
ये है मंत्र जाप के नियम – किसी विशिष्ट सिद्धि के लिए सूर्य अथवा चंद्रग्रहण के समय किसी भी नदी में खड़े होकर जाप करना चाहिए। इस तरह किया गय जाप अतिशीघ्र फल देता है। जाप का दक्षांश हवन करना चाहिए और ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराना चाहिए।
No comments:
Post a Comment