Monday, March 11, 2019

भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है बेलपत्र?

हिंदू धर्म में बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। सावन महीने में भगवान शिव की पूजा करने के दौरान बेलपत्र को चढ़ाना अनिवार्य माना जाता है जिसके लिए कई नियम भी होते हैं। माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है और उन्हें बेलपत्र अर्पित करता है तो भगवान उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। क्या आपको पता है भगवान शिव पर बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है और इसके पीछे क्या कहानी छिपी हुई है, अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। 



माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ। माना जाता है कि इसमें माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं। वे पेड़ की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में, इसके तनों में माहेश्वरी के स्वरूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी व पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं। फलों में कात्‍यायनी स्‍वरूप व फूलों में गौरी के स्‍वरूप में निवास करती हैं। इस सभी रूपों के अलावा, मां लक्ष्‍मी का रूप समस्‍त वृक्ष में निवास करता है। इसीलिए, भगवान शिव पर इसकी पत्तियों को चढ़ाया जाता है क्‍योंकि माता पार्वती का रूप पत्तियों में होता है। कई जगह ऐसा भी वर्णन किया गया है कि अगर बेल का पेड़ आप सच्चे मन से छूते हैं तो सारे रोगों और पापों से छुटकारा मिल जाता है।

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