Wednesday, March 27, 2019

शीतला माता की शुभकामनाये

शीतला माता का पर्व कभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को, कही वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो कही चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की

सप्तमी अथवा अष्टमी को मनाया जाता है। शीतला माता अपने साधकों के तन-मन को शीतल कर देती है तथा समस्त प्रकार के तापों का नाश करती

है। शीतला माता का पर्व चाहे षष्टी को हो, सप्तमी को हो या अष्टमी को इसे दूसरे नामों से भी जाना जाता है, जैसे बसौड़ा अथवा बसियौरा भी इसे कहा

जाता है।

माता शीतला पर्व का महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार माता शीतला अष्टमी को महिलाएं अपने परिवार तथा बच्चो की सलामती के लिए एवम घर में सुख,शांति के लिए रंग पंचमी से

अष्टमी तक माता शीतला को बासौड़ा बनाकर पूजती है। माता शीतला को बासौड़ा में कढ़ी-चावल, चने की दाल, हलवा, बिना नमक की पूड़ी आदि चढ़ावे

के एक दिन पूर्व रात्रि में बना लिए जाता है तथा अगले दिन यह बासी प्रसाद माता शीतला को चढ़ाया जाता है। पूजा करने के पश्चात महिलाएं बासौड़ा

का प्रसाद अपने परिवारो में बां ट कर सभी के साथ मिलजुल कर बासी भोजन ग्रहण करके माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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