Tuesday, March 26, 2019

महामृत्युंजय मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से हर तरह का डर और टेंशन खत्म हो जाती है। शिवपुराण में उल्लेख किए गए इस मंत्र के जप से आदि शंकराचार्य को भी जीवन की प्राप्ती हुई थी।
इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का
पालन-पोषण करते हैं।

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