Wednesday, March 13, 2019

इस मंदिर में भक्त भगवान गणेश को भेजते हैं चिट्ठियां

आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा का विधान है। गणेश जी की पूजा करने से सुख-शांति, विद्या, यश, संतान, धन आदि की प्राप्ति होती है। यहां तक की भक्त को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। आज हम आपको भगवान गणेश जी के एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे जो बहुत ही खास है। इस मंदिर की खास बात यह है कि लाखों की तादात में भक्त गणनायक भगवान गणेश को चिट्ठियां भेजते हैं। राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 किमी. दूर रणथंभौर के किले में बना गणेश मंदिर भगवान को चिट्ठी भेजे जाने के लिए जाना जाता है। 


यहां के लोग घर में कोई भी मंगल कार्य करते हैं तो रणथंभौर वाले गणेश जी के नाम कार्ड भेजना नहीं भूलते। इसलिए यहां हमेशा भगवान के चरणों में चिट्ठियों और निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है। कार्ड पर पता लिखा जाता है- 'श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला- सवाई माधौपुर (राजस्थान)'। डाकिया भी इन चिट्ठियों को पूरी श्रद्धा और सम्मान से मंदिर में पहुंचा देता है। इसके बाद पुजारी चिट्ठियों को भगवान गणेश के सामने पढ़कर उनके चरणों में रख देते हैं। मान्याता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश को निमंत्रण भेजने से सारे काम अच्छी तरह पूरे हो जाते हैं।

इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति बाकी मंदिरों से बहुत अलग है। मूर्ति में भगवान की तीन आंखें हैं। गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं। गणनायक का वाहन चूहा भी साथ में है। कहा जाता है कि यह मंदिर 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने बनवाया था। युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए थे और उन्हें आशीर्वाद दिया, जिसके बाद युद्ध में राजा की विजय हुई। तब उन्होंने अपने किले में मंदिर का बनवाया। यहां गणेश चतुर्थी पर धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना की जाती है।



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