Thursday, February 14, 2019

हुनर तो सभी में होता है, बस पहचानने की देर होती है

अंग्रेजी के एक महान लेखक थे, जिनका नाम नथानिएल हौथोर्न था। नथानिएल हौथोर्न लेखन के अलावा कस्टम हाउस में भी नौकरी किया करते थे। एक दिन की बात है अचानक से उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। नौकरी से निकाले जाने के बाद जब वो घर पहुंचे तो पत्नी सोफिया से बोले- 'आज मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है।' यह बात सुनकर सोफिया परेशान हो गई। 

मगर फिर बड़ी ही सादगी से मुस्करा कर नथानिएल से बोलीं- 'नाकामयाबी में धैर्य से काम करते रहना है। इतने हताश और उदास मत हो। मुझे पता है कि तुम बहुत मेहनती, प्रतिभाशाली और विलक्षण इंसान हो। अगर तुम्हारा एक रास्ता बंद हुआ है तो इसके साथ ही एक ऐसा रास्ता खुला है जो तुम्हें भविष्य में काफी प्रसिद्धि देगा।' नथानिएल हैरानी से बोले, 'नौकरी छूटना तो एक बड़ी आफत है। इसमें भला क्या अच्छा हो सकता है?'



इस पर पत्नी सोफिया ने जवाब देते हुये उनसे कहा- 'मैं जानती हूं तुममे एक हुनर है। तुम बहुत अच्छा लिखते हो नथानिएल। तुम्हारे लिखने का तरीका और भाषा गजब की है। नौकरी के वजह से तुम लेखन को पूरा वक्त नहीं दे पा रहे थे। अब तुम लिखो, कामयाबी जरूर मिलेगी।' सोफिया की ये बात सुनकर नथानिएल थोड़ा सोच में पड़ गये। फिर बोले- 'तुम्हारी बात तो ठीक है, लेकिन तब तक घर का खर्च कैसे चलेगा?' सोफिया ने कहा, 'तुम इन बातों की चिंता मत करो और अपने लेखन पर जुट जाओ। तब तक घर खर्च मैं चलाऊंगी।' 

इसके बाद नथानिएल लेखन में जुट गए और सोफिया ने घर संभाल लिया। दिन बीतते गए और एक साल में नथानिएल ने विक्टोरिया युग का महान उपन्यास 'द स्कारलेट लेटर' लिखा जिसने नथानिएल हौथोर्न को नई पहचान दी। उन्हें आज भी इसी उपन्यास से पहचाना जाता है। हुनर हम सभी में होता है। बस जरूरत है सही समय पर उस हुनर को पहचानने और तराशते हुए उससे एक सुंदर रचना करने की। यह हुनर किसी भी तरह का हो सकता है।

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