Monday, February 18, 2019

आज भी रहस्य बनी हुई हैं अजंता-एलोरा की गुफाएं

हमारे भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो आज भी रहस्य का विषय बने हुए हैं। बड़े-बड़े आर्कियोलॉजिकल और जियोलॉजिस्ट भी उन मंदिरों के रहस्यों को नहीं खोल पाये हैं। अजंता-एलोरा की गुफाएं भी कुछ ऐसी ही हैं आर्कियोलॉजिकल और जियोलॉजिस्ट भी अभी तक इन गुफाओं के बारे में पता नहीं लगा पाये हैं। ये गुफाएं कई हजार वर्ष पुरानी हैं। अजंता की ये गुफाएं गुफाएं अपनी चित्रकारी, गुफाएं और अद्भुत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। औरंगाबाद से 101 किमी दूर उत्तर में अजंता की गुफाएं स्थित हैं। 40 लाख टन की चट्टानों को काटकर बनाई गई इन 34 गुफाओं में लगभग 5 प्रार्थना भवन और 25 बौद्ध मठ हैं। इन गुफाओं में 200 ईसा पूर्व से 650 ईसा तक बौद्ध धर्म व संस्कृति का चित्रण है। इन गुफाओं के बारे में वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ये गुफाएं किसी एलियंस के समूह ने बनाई हैं।



इसके अलावा एक रहस्यमय प्राचीन हिन्दू मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे कोई मानव नहीं बना सकता और इसे आज की आधुनिक तकनीक से भी नहीं बनाया जा सकता। इस विशालकाय अद्भुत मंदिर को देखने सभी आते हैं। इसका नाम कैलाश मंदिर है। आर्कियोलॉजिस्टों के अनुसार, इसे कम से कम 4 हजार वर्ष पूर्व बनाया गया था। 40 लाख टन की चट्टानों से बनाए गए इस मंदिर को किस तकनीक से बनाया गया होगा? यह आज की आधुनिक इंजीनियरिंग के बस की भी बात नहीं है। अजंता की गुफाओं में खुबसूरत चित्रों और भव्य मुर्तियों के अलावा वहा बड़े बड़े पिल्लर, बुद्धो की मुर्तिया, सीलिंग पे बने चित्र अजंता की गुफाओ को एक नया कीर्तिमान देती है और टूरिस्टो को आकर्षित करती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इन गुफाओं के अंदर से नीचे एक सीक्रेट शहर है। आर्कियोलॉजिकल और जियोलॉजिस्ट की रिसर्च के मुताबिक, ये कोई सामान्य गुफाएं नहीं हैं। इन गुफाओं को कोई आम इंसान या आज की आधुनिक तकनीक नहीं बना सकती। यहां एक ऐसी सुरंग मौजूद है, जो अंडरग्राउंड शहर में ले जाती है।

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