Tuesday, February 12, 2019

मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती

जो व्यक्ति खुद पर विश्वास रखता है कि वह कोई भी मुश्किल काम कर सकता है, तो कभी उसकी मेहनत बेकार नहीं जाती। इंसान का यही विश्वास ही उसे आगे बढ़ने व निरंतन प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। उस विश्वास के साथ जैसे-जैसे व्यक्ति आगे बढ़ता है वैसे-वैसे ही उसके लिए सफलता के रास्ते खुल जाते हैं। ऐसा ही विश्वास था थॉमस एडिसन का, अपने विश्वास के दम पर उन्होंने कई आविष्कार किए। महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन बहुत ही मेहनती एंव जुझारू प्रवृति के व्यक्ति थे। बचपन में थॉमस एडिसन को स्कूल से मंद बुद्धि बालक कहकर निकाल दिया गया था। लेकिन फिर भी उनकी मां ने उन्हें पढ़ाया, जिसके बाद वह महान वैज्ञानिक बनें। थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किये, जिसमें 'बिजली का बल्ब' एक प्रमुख आविष्कार है। 



थॉमस ने यह आविष्कार करने के लिए हजारों प्रयोग किये थे तब कहीं जाकर उन्हें सफलता हासिल हुई थी। एक बार की बात है जब थॉमस बल्ब बनाने का प्रयोग कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा कि आपने करीब एक हजार प्रयोग किये लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे और आपकी मेहनत बेकार हो गई। क्या आपको दुःख नहीं होता? इसके जबाव में एडिसन ने कहा कि मैं नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है। मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ। अगर कोई सामान्य व्यक्ति होता तो जल्दी ही हार मान लेता और प्रयास करना छोड़ देता। लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया। 

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