गुजरात में एक भोले बाबा का एक ऐसा मंदिर है जहां खुद समुद्र उनका जलाभिषेक करता है। स्तंभेश्वर मंदिर में एक शिवलिंग स्थापित है, जिसका आकार चार फुट ऊंचा और दो फुट के घेरे वाला है। यह मंदिर भारत के सबसे रहस्यमय मंदिरों में गिना जाता है और इस मंदिर को गायब मंदिर भी कहा जाता है। लोगों की मान्यता है कि इस स्तंभेश्वर मंदिर में स्वयं शिवशंभु विराजते हैं, इसलिये समुद्र देवता खुद उनका जलाभिषेक करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह परंपरा सदियों से सतत चली आ रही है। भगवान शिव का यह अद्भुत मंदिर गुजरात के भरुच जिले की जम्बूसर तहसील में एक गांव कावी में है।
समुद्र के के किनारे यह गांव स्थित है। समुद्र के इस किनारे पर दो बार ज्वार-भाटा आता है। ज्वार के समय समुद्र का पानी मंदिर के अंदर आता है और शिवलिंग का अभिषेक दो बार कर वापस लौट जाता है। ज्वार के समय शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है। इस मंदिर के दर्शन केवल कम लहरों में समय ही किये जा सकते हैं क्योंकि ऊंची लहरों के समय यह मंदिर डूब जाता है। पानी में डूब जाने के कारण मंदिर दिखाई नहीं देता और जब ऊंची लहरें खत्म हो जाती है तो मंदिर के ऊपर सारा पानी नीचे उतर जाता है फिर दोबारा मंदिर दिखने लगता है। इस अद्भुत मंदिर के दर्शन के दूर-दूर से लोग आते हैं।
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