Wednesday, February 20, 2019

डर से भागो मत उसका सामना करो

यह बात उस समय की जब स्वामी विवेकानंद जी बनारस की यात्रा पर थे। वह बनारस की गलियों का भ्रमण कर रहे थे और मंदिरों के दर्शन कर रहे थे। मंदिरों का भ्रमण करते-करते स्वामी जी दुर्गा मां के मंदिर ले निकले। तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। बंदर उनके नजदीक आते और तरह-तरह की आवाजें निकाल कर उन्हें डराने की कोशिश करते। स्वामी जी यह देख बहुत भयभीत हो गए और खुद को बचाने की सहजवृत्ति ने उन्हें भागने पर विवश कर दिया। स्वामी जी जल्द से जल्द वहां से निकल जाना चाहते थे। वो दौड़ कर भागने लगे, पर बन्दर तो मानो पीछे ही पड़ गए थे। वे उन्हें दौडाने लगे।



वहीं, पास में खड़ा एक वृद्ध सन्यासी ये सब कुछ देख रहा था। स्वामी विवेकानंद को डरकर भागता देख उसने उन्हें रोका और समझाते हुये बोला- ''रुको! भागो मत, उनका सामना करो!'' यह सुनते ही स्वामी जी तुरन्त रुक गये। रुक कर वो पलटे और बंदरों की तरफ बढ़े। तेजी से उनके करीब जाने लगे। उनकी इस निडरता को देख बंदर ही उनसे डर गये और उनसे दूर भाग गये। इस घटना ने स्वामी जी को बड़ी सीख दी। इस वाक़ये के कई सालों बाद स्वामी ने एक भाषण के दौरान कहा भी था- ''अगर तुम कभी किसी भी बात या हालात से डर गये तो उससे भागना मत, पलटना और उसका सामना करना।''

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