Monday, February 25, 2019

योग से आप रहेंगे स्वस्थ्य व तंदुरुस्त

योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है और इन तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्‍वयं को भी स्वस्थ महसूस करते हैं। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए अपनाया जाने वाला योग कई मायनों में अन्य तरकीबों से अलग है। अगर आप पहली बार योग का अभ्यास शुरू कर रहे हैं तो कई बातों का ध्यान जरूर रखें। 

1. शरीर को रीलेक्स करें और हल्का वार्मअप करें - आई बॉल, जीभ, हाथ-पैर की कलाइयां, पैर के पंजे, कमर व गर्दन को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे करते हुए गोल-गोल क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं। अपने हाथ की मुठ्ठी को खोलें और बंद करें। इसी तरह पैरों की अंगुलियों की भी योग एक्सरसाइस करें। खुलकर हंसे और छींक को रोके नहीं। जब शरीर का वार्मअप पूरा हो जाए तो फिर योगा के आसन करना शुरु करें।  

2. संयम और धैर्य रखें - योग करते समय संयम और धैर्य जरूर रखना चाहिए, हर व्यक्ति की क्षमता अलग होती है, और उसी हिसाब से वह योग करता है। इसलिए अगर आप संयम के साथ योग सीखेंगे तो सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।



3. आसन करते समय मुंह से सांस ना लें - श्वास योग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। श्वास की प्रक्रिया को नियंत्रित किये बिना के योग करना अधूरा है। आसन करते समय कभी भी मुंह से श्वास ना लें। योग-प्रशिक्षक से जानकारी लेकर योग-आसन करते समय नियम के अनुसार ही श्वास लें।

4. रोगों से लड़ने की मिलती है शक्ति - शारीरिक व मानसिक रोग तनाव व चिंता से भी होते हैं। इन्हें दूर करने के लिए यौगिक क्रियाएं उत्तम हैं। प्राणायाम और मेडिटेशन करना मानसिक समस्याओं में बेहद फायदेमंद है।

5. योग के 3 घंटे बाद भोजन ग्रहण करें - अगर योग सुबह खाली पेट किया जाए तो बहुत लाभदायक होता है। अगर यह संभव नहीं हो तो योग और भोजन के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें। योग करने के कुछ समय बाद आप भोजन कर सकते हैं लेकिन योग के पहले कम से कम 3 घंटे भोजन ना करें। 

6. मालिश : मालिश से माँस-पेशियाँ पुष्ट होती हैं। दृष्टि तेज होती है व नींद भी अच्छी आती है। शरीर में शक्ति उत्पन्न हो शरीर का वर्ण सोने के समान हो जाता है। मालिश से रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है। स्वच्छ खून जब धमनियों में दौड़ने लगता है तो वह शरीर को कांतिमय बना देता है। इससे तनाव, अवसाद भी दूर होता है। 

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