माघमास की अमावस्या तिथि मौनी अमावस्या के नाम से जानी जाती है। जब चन्द्रमा व सूर्यग्रह मकर राशि में एक साथ रहते हैं, तो मौनी अमावस्या का संगोय बनता है। इस तिथि विशेष पर किए गए समस्त पूजा-पाठ, दान-पुण्य का महत्व और बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन दान करने से सब प्रकार के पापों का क्षय, सब प्रकार की आधियों, व्याधियों का निवारण और सब प्रकार की हीनता अथवा संकोच का निपात होता है तथा प्रत्येक प्रकार की सुख, सम्पत्ति, संतान और सहानुभूति की वृद्धि होती है। मौनी अमावस्या के दिन दान करने का अपना विशेष महत्व है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, दवाई, बर्तन आदि का दान किया जाता है। अपनी परेशानियों का अंत करने के लिए स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। किसी तालाब या नदी में जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। मनोकामना पूरी करने के लिए अमावस्या के दिन चींटियों को शक्कर मिल हुआ आटा खिलाएं। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में लाल रंग के धागे का उपयोग करें। गरीबी दूर करने, संतान की प्राप्ति के लिए, व्यवसाय में उन्नति के लिए चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करें। अमावस्या पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होता है। पितरों के निमित्त कांसे के खाली पात्र के साथ ताम्रपात में दूर, जल, काले तिल, काले वस्त्र, स्वर्ण एवं गेहूं का दान करना लाभकारी रहता है। आज के दिन देवों की प्रसन्नता के लिए सफेद तिल तथा पितरों के लिए काले तिल का दान करना शुभ फलदायी माना गया है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, दवाई, बर्तन आदि का दान किया जाता है। अपनी परेशानियों का अंत करने के लिए स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। किसी तालाब या नदी में जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। मनोकामना पूरी करने के लिए अमावस्या के दिन चींटियों को शक्कर मिल हुआ आटा खिलाएं। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में लाल रंग के धागे का उपयोग करें। गरीबी दूर करने, संतान की प्राप्ति के लिए, व्यवसाय में उन्नति के लिए चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करें। अमावस्या पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होता है। पितरों के निमित्त कांसे के खाली पात्र के साथ ताम्रपात में दूर, जल, काले तिल, काले वस्त्र, स्वर्ण एवं गेहूं का दान करना लाभकारी रहता है। आज के दिन देवों की प्रसन्नता के लिए सफेद तिल तथा पितरों के लिए काले तिल का दान करना शुभ फलदायी माना गया है।
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